इस नस्ल के छोटे आकार के सींग और नुकीले ऊपर और पीछे की ओर मुड़े होते हैं। एक बकरी का सामान्य शरीर का वजन लगभग 50-60 किलोग्राम होता है, जबकि एक बकरी का लगभग 25 से 40 किलोग्राम होता है। सिरोही बकरी प्रतिदिन 0.5 से 1.5 लीटर दूध दे सकती है। सिरोही के बच्चे का शुरुआती वजन करीब 2 से 2.5 किलो होता है।
वैसे तो सिरोही को मीट के कारोबार के लिए विशेष रूप से पाला जाता है. दरअसल, यह नस्ल तेजी से बढ़ती है इसलिए इसे जल्द से बेचा जा सकता है. वहीं यह दूध भी अच्छी मात्रा में देती है. गांव, कस्बों के अलावा इसका पालन शहर में भी आसानी से किया जा सकता है.
यह दाना पहले दिन से 10 दिन तक ब्रायलर चूजों को दिया जाता है। यह दाना चूजों को देने जरूरी होता है क्योंकि इसमें उनके शरीर के लिए आवश्यक विटामिन्स होते हैं। दूसरी बात यह छोटे दानों में ग्राइंड किया हुआ होता है ताकि चूजे अच्छे से दाना खा सकें। यह स्टार्टर और फिनिशर दाना से महंगा मिलता है। अगर आप प्री-स्टार्टर की जगह स्टार्टर का उपयोग करेंगे तो छोटे चूजे अच्छे से नहीं खा पाएंगे जिसके कारण उनका विकास सही तरीके से नहीं हो पायेगा। इसके कारण ब्रायलर मुर्गियों को कई प्रकार की बीमारियाँ होने का भी खतरा है।
अगर आप बकरी पालन करके अच्छे पैसे कमाना चाहते हैं तो ब्लैक बंगाल नस्ल आपके लिए बेहतर नस्ल है।
ब्लैक बंगाल बकरी की नस्ल देश के पूर्वी क्षेत्र में पाई जाती है। आमतौर पर यह पश्चिम बंगाल झारखंड, असम उत्तरी उड़ीसा में पाली जाती है।